हमारे दिल्ली के इंडिया गेट ने पहली बार ऐसा दृश्य देखा होगा जब कोई महिला टॉवल में वहां पर नाच रही होगी!
सोचिए, भारत के गौरव, शहीदों की याद में बने इंडिया गेट पर जहां हर कोई सिर झुकाकर श्रद्धा व्यक्त करता है, वहां कोई टॉवल में नाचता हुआ नजर आए तो कैसा लगेगा? हाल ही में, ऐसा ही एक हैरान कर देने वाला दृश्य सोशल मीडिया पर वायरल हुआ है।
यह सबकुछ Instagram Reels के लिए हो रहा है। जब हमने इस महिला की प्रोफाइल खंगाली, तो पता चला कि वह कोलकाता की रहने वाली हैं और खुद को मॉडल और सोशल मीडिया इनफ्लुएंसर बताती हैं। उनकी प्रोफाइल पर एक नजर डालते ही साफ हो गया कि यह पहली बार नहीं है जब उन्होंने इस तरह के कारनामे किए हों।
Video Link : https://www.instagram.com/reel/DCjUyz2PAYg/
सोशल मीडिया पर लाइक्स और फॉलोअर्स की होड़
आजकल Instagram Reels और TikTok जैसे प्लेटफॉर्म्स पर फेमस होने की चाहत में लोग कुछ भी करने को तैयार हैं। ऐसा लगता है कि लोगों ने यह समझ लिया है कि जितना अजीबोगरीब और चौंकाने वाला कंटेंट होगा, उतना ज्यादा उन्हें लाइक्स, शेयर और फॉलोअर्स मिलेंगे।
लेकिन सवाल उठता है कि इसका समाज पर क्या असर हो रहा है? क्या इस तरह के काम किसी भी तरह से ठीक हैं, खासकर जब यह देश के महत्वपूर्ण और ऐतिहासिक स्थलों पर हो रहे हों?
इंडिया गेट: एक सम्माननीय स्थल
इंडिया गेट सिर्फ एक स्मारक नहीं है, यह हमारे देश के उन वीर सैनिकों की याद में बना है जिन्होंने अपने प्राणों की आहुति दी। यहां हर कोने में शहीदों की कहानियां बसी हुई हैं। ऐसे पवित्र स्थल पर इस तरह के नाटक करना न केवल अनुचित है बल्कि यह हमारी सांस्कृतिक और राष्ट्रीय भावनाओं का भी अपमान है।
बिकिनी रिपोर्टर और उसके साथ तस्वीरें
इस महिला की प्रोफाइल को और गहराई से देखने पर पता चला कि वह पहले भी इस तरह की अजीब हरकतें कर चुकी है। हाल ही में, एक और वीडियो वायरल हुआ था जिसमें एक महिला रिपोर्टर बनी हुई थी, और उस रिपोर्टर की तस्वीरें भी इसी मॉडल के साथ हैं। दोनों ने मिलकर सोशल मीडिया पर “कंटेंट क्रिएशन” के नाम पर तहलका मचाया है।
ऐसे लोग जो केवल लाइमलाइट में आने के लिए किसी भी सीमा को पार कर जाते हैं, वे यह नहीं समझते कि उनकी हरकतों का समाज पर क्या असर पड़ता है।
लोगों की प्रतिक्रियाएं
इस घटना के वायरल होते ही सोशल मीडिया पर लोगों की प्रतिक्रियाएं भी आईं। किसी ने इसे मनोरंजन के नाम पर बेतुका करार दिया तो किसी ने इसे भारतीय संस्कृति और मूल्यों का अपमान बताया।
एक यूजर ने लिखा,
“क्या अब इतिहास के इन महत्वपूर्ण स्थलों का यही उपयोग रह गया है?”
वहीं, एक और यूजर ने टिप्पणी की,
“यह सब कुछ सिर्फ फॉलोअर्स के लिए हो रहा है। ऐसे लोगों पर कार्रवाई होनी चाहिए।”
क्या वाकई “इन्फ्लुएंसर” शब्द का यह मतलब है?
सोशल मीडिया ने आज हर किसी को अपनी बात रखने का एक बड़ा मंच दिया है। लेकिन “इन्फ्लुएंसर” शब्द का अर्थ क्या है? क्या यह दूसरों को प्रेरित करना नहीं होना चाहिए?
आज की तारीख में, कुछ लोग इसे पूरी तरह से गलत तरीके से इस्तेमाल कर रहे हैं। इंस्टाग्राम और अन्य सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म्स पर केवल ध्यान आकर्षित करने के लिए, वे नैतिकता और मूल्यों को ताक पर रख देते हैं।
क्यों हो रहा है ऐसा?
सोशल मीडिया की दुनिया में फेमस होना अब केवल एक सपना नहीं बल्कि एक बड़ा करियर विकल्प बन गया है। लेकिन इस दौड़ में नैतिकता और सामाजिक जिम्मेदारी खोती जा रही है।
- वायरल होने की चाहत: जब लोग देखते हैं कि “वायरल वीडियो” बनाने से रातों-रात लाखों फॉलोअर्स और ब्रांड डील्स मिल सकती हैं, तो वे किसी भी हद तक जाने को तैयार हो जाते हैं।
- प्रतिस्पर्धा का दबाव: हर कोई अलग और चौंकाने वाला कुछ करना चाहता है ताकि वे भीड़ से अलग दिखें।
- जवाबदेही की कमी: इस तरह के कृत्यों पर सख्त कार्रवाई नहीं होने से लोग बार-बार इसे दोहराते हैं।
इसके सामाजिक परिणाम
इस तरह के कृत्यों का समाज पर गहरा प्रभाव पड़ता है:
- नैतिक मूल्यों का पतन: जब लोग ऐसी चीजों को सामान्य मानने लगते हैं, तो समाज में नैतिकता की सीमाएं धुंधली हो जाती हैं।
- युवाओं पर नकारात्मक प्रभाव: युवा पीढ़ी, खासकर टीनएजर्स, इन “इन्फ्लुएंसर्स” को देखकर उन्हें आदर्श मानने लगते हैं।
- राष्ट्रीय भावनाओं का आहत होना: ऐसे कृत्य देश के प्रति सम्मान की भावना को ठेस पहुंचाते हैं।
अब सवाल यह है कि समाधान क्या है?
- सख्त कानूनों की जरूरत: सरकार को इस तरह के कृत्यों के खिलाफ सख्त कानून बनाने चाहिए, खासकर ऐतिहासिक और सार्वजनिक स्थलों पर।
- सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म्स की जवाबदेही: इन प्लेटफॉर्म्स को इस बात का ध्यान रखना चाहिए कि उनकी साइट पर ऐसा कंटेंट न फैले जो अनुचित हो।
- शिक्षा और जागरूकता: लोगों को यह सिखाने की जरूरत है कि सोशल मीडिया फेम कुछ समय का है, लेकिन आपके कृत्य का प्रभाव लंबे समय तक रहता है।
इंसानियत और इज्जत का महत्व
हमें यह याद रखना चाहिए कि फेमस होना जरूरी नहीं, बल्कि अच्छा इंसान बनना ज्यादा जरूरी है। सोशल मीडिया पर फॉलोअर्स, लाइक्स और शेयर कुछ समय के लिए तो ध्यान आकर्षित कर सकते हैं, लेकिन असली पहचान आपके मूल्यों और नैतिकता से होती है।
अंत में…
इंडिया गेट जैसे सम्माननीय स्थान पर इस तरह की हरकतें न केवल अनुचित हैं बल्कि यह समाज में गिरते मूल्यों का भी संकेत देती हैं।
यह समय है कि हम अपने राष्ट्र, संस्कृति और समाज के प्रति अपनी जिम्मेदारी को समझें। इंस्टाग्राम रील्स के लिए चंद सेकंड्स की फेम के पीछे, हमारे नैतिक मूल्यों और राष्ट्रीय सम्मान को दांव पर लगाना किसी भी तरह सही नहीं ठहराया जा सकता।
“जिम्मेदारी, सम्मान और नैतिकता – यही असली पहचान है, न कि सोशल मीडिया पर चंद फॉलोअर्स।”