।। मैं धरती का सबसे भाग्यशाली व्यक्ति हूं… भगवान ने मुझे चुना’, बोले- 51 इंच रामलला की मूर्ति बनाने वाले मूर्तिकार अरुण योगीराज ।।
राम मंदिर की प्राण प्रतिष्ठा के बाद मूर्तिकार अरुण योगीराज ने कहा कि वह धरती के सबसे भाग्यशाली व्यक्ति हैं। उन्होंने कहा कि भगवान राम ने उन्हें इस कार्य के लिए चुना है।
मैसूर के रहने वाले अरुण योगीराज ने कहा कि उन्होंने हमेशा महसूस किया है कि भगवान राम उन्हें और उनके परिवार को हर बुरे समय से बचा रहे हैं। उन्होंने कहा, “मेरा दृढ़ विश्वास है कि यह वही हैं, जिन्होंने मुझे इस शुभ कार्य के लिए चुना है।”
योगीराज ने कहा कि उन्होंने इस मूर्ति को बनाने में लगभग 18 महीने का समय लगाया था। उन्होंने कहा कि मूर्ति को बनाने के लिए उन्होंने संगमरमर का इस्तेमाल किया है।
योगीराज ने कहा कि वह इस मूर्ति को बनाने के लिए बहुत खुश हैं। उन्होंने कहा कि इस मूर्ति को देखकर लोगों को भगवान राम के प्रति प्रेम और श्रद्धा बढ़ेगी।
योगीराज को इस मूर्ति को बनाने के लिए कई पुरस्कारों से सम्मानित किया जा चुका है। उन्हें 2022 में भारत सरकार द्वारा पद्मश्री से सम्मानित किया गया था।
अरुण योगीराज की मूर्तिकला (Arun Yogiraj Indian Sculptor)
अरुण योगीराज एक प्रतिभाशाली मूर्तिकार हैं। उन्होंने कई मूर्तियां बनाई हैं, जिनमें सुभाष चंद्र बोस, आदि शंकराचार्य, हनुमान, बुद्ध, और भगवान राम की मूर्तियां शामिल हैं।
उनकी मूर्तियां उनकी सुंदरता, जीवंतता, और भावनाओं के लिए जानी जाती हैं। उनकी मूर्तियों में आध्यात्मिकता, राष्ट्रभक्ति, और संस्कृति की झलक देखने को मिलती है।
अरुण योगीराज के काम से पूरे देश में लोगों को प्रेरणा मिल रही है। वे एक ऐसे मूर्तिकार हैं, जो भारतीय संस्कृति और कला को जीवंत रखने में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहे हैं
अरुण योगीराज एक भारतीय मूर्तिकार हैं, जो मैसूर, कर्नाटक के रहने वाले हैं। वे अपनी सुंदर और जीवंत मूर्तियों के लिए जाने जाते हैं। अरुण योगीराज के पिता, योगीराज भी एक प्रसिद्ध मूर्तिकार हैं। अरुण योगीराज ने अपने पिता से ही मूर्तिकला की शिक्षा प्राप्त की।
अरुण योगीराज ने अपने करियर की शुरुआत 2008 में की थी। उन्होंने तब से कई मूर्तियां बनाई हैं, जिनमें सुभाष चंद्र बोस, आदि शंकराचार्य, हनुमान, बुद्ध, और भगवान राम की मूर्तियां शामिल हैं।
अरुण योगीराज की सबसे प्रसिद्ध मूर्ति सुभाष चंद्र बोस की 30 फीट की मूर्ति है। यह मूर्ति नई दिल्ली के इंडिया गेट पर अमर जवान ज्योति के पीछे की छतरी में स्थापित है। इस मूर्ति को बनाने के लिए अरुण योगीराज को 18 महीने का समय लगा था।
अरुण योगीराज की अन्य प्रसिद्ध मूर्तियों में शामिल हैं:
- केदारनाथ में स्थापित 12 फीट की आदि शंकराचार्य की मूर्ति
- मैसूर में स्थापित 21 फीट की हनुमान की मूर्ति
- मैसूर में स्थापित 15 फीट की डॉ. बी. आर. अम्बेडकर की मूर्ति
- मैसूर में स्थापित 14.5 फीट की स्वामी
- रामकृष्ण परमहंस की मूर्ति
- मैसूर में स्थापित 6 फीट की नंदी की मूर्ति
- मैसूर में स्थापित 6 फीट की बनशंकरी देवी की मूर्ति
अरुण योगीराज की मूर्तियां उनकी सुंदरता, जीवंतता, और भावनाओं के लिए जानी जाती हैं। उनकी मूर्तियों में आध्यात्मिकता, राष्ट्रभक्ति, और संस्कृति की झलक देखने को मिलती है।
अरुण योगीराज को उनकी कलात्मक प्रतिभा के लिए कई पुरस्कारों से सम्मानित किया जा चुका है। उन्हें 2022 में भारत सरकार द्वारा पद्मश्री से सम्मानित किया गया था।
अरुण योगीराज के काम से पूरे देश में लोगों को प्रेरणा मिल रही है। वे एक ऐसे मूर्तिकार हैं, जो भारतीय संस्कृति और कला को जीवंत रखने में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहे हैं।
अरुण योगीराज की मूर्तिकला की कुछ विशेषताएं
अरुण योगीराज की मूर्तियां उनकी सुंदरता और जीवंतता के लिए जानी जाती हैं।
उनकी मूर्तियों में आध्यात्मिकता, राष्ट्रभक्ति, और संस्कृति की झलक देखने को मिलती है।
अरुण योगीराज की मूर्तियां विभिन्न प्रकार की सामग्रियों से बनाई जाती हैं, जिनमें संगमरमर, ग्रेनाइट, और कांस्य शामिल हैं।
अरुण योगीराज की मूर्तियां बनाने में उन्हें कई महीनों या सालों का समय लग सकता है।
अरुण योगीराज का भविष्य
अरुण योगीराज एक प्रतिभाशाली मूर्तिकार हैं, जिनके पास अभी भी बहुत कुछ करने की क्षमता है। वे भारतीय संस्कृति और कला को जीवंत रखने में महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकते हैं।
अरुण योगीराज के भविष्य के काम में, हम उनसे और अधिक सुंदर, जीवंत, और प्रेरणादायक मूर्तियों की उम्मीद कर सकते हैं।
मैं धरती का सबसे भाग्यशाली व्यक्ति हूं… भगवान ने मुझे चुना’, बोले- रामलला की मूर्ति बनाने वाले मूर्तिकार अरुण योगीराज
राम मंदिर की प्राण प्रतिष्ठा के बाद मूर्तिकार अरुण योगीराज ने कहा कि वह धरती के सबसे भाग्यशाली व्यक्ति हैं। उन्होंने कहा कि भगवान राम ने उन्हें इस कार्य के लिए चुना है।
मैसूर के रहने वाले अरुण योगीराज ने कहा कि उन्होंने हमेशा महसूस किया है कि भगवान राम उन्हें और उनके परिवार को हर बुरे समय से बचा रहे हैं। उन्होंने कहा, “मेरा दृढ़ विश्वास है कि यह वही हैं, जिन्होंने मुझे इस शुभ कार्य के लिए चुना है।”
योगीराज ने कहा कि उन्होंने इस मूर्ति को बनाने में लगभग 18 महीने का समय लगाया था। उन्होंने कहा कि मूर्ति को बनाने के लिए उन्होंने संगमरमर का इस्तेमाल किया है।
योगीराज ने कहा कि वह इस मूर्ति को बनाने के लिए बहुत खुश हैं। उन्होंने कहा कि इस मूर्ति को देखकर लोगों को भगवान राम के प्रति प्रेम और श्रद्धा बढ़ेगी।
योगीराज को इस मूर्ति को बनाने के लिए कई पुरस्कारों से सम्मानित किया जा चुका है। उन्हें 2022 में भारत सरकार द्वारा पद्मश्री से सम्मानित किया गया था।
अरुण योगीराज की मूर्तिकला
अरुण योगीराज एक प्रतिभाशाली मूर्तिकार हैं। उन्होंने कई मूर्तियां बनाई हैं, जिनमें सुभाष चंद्र बोस, आदि शंकराचार्य, हनुमान, बुद्ध, और भगवान राम की मूर्तियां शामिल हैं।
उनकी मूर्तियां उनकी सुंदरता, जीवंतता, और भावनाओं के लिए जानी जाती हैं। उनकी मूर्तियों में आध्यात्मिकता, राष्ट्रभक्ति, और संस्कृति की झलक देखने को मिलती है।
अरुण योगीराज के काम से पूरे देश में लोगों को प्रेरणा मिल रही है। वे एक ऐसे मूर्तिकार हैं, जो भारतीय संस्कृति और कला को जीवंत रखने में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहे है