नमस्कार दोस्तों, क्या उज्जैन महाकाल मंदिर की जानकारी जानना चाहते है। तो आपको इस पोस्ट में पूरी जानकारी देंगे। उज्जैन में महाकालेश्वर मंदिर भारत के १२ ज्योतिर्लिंगों में से एक है। यह मध्यप्रदेश राज्य के उज्जैन नगर में बना हुआ है, जो कि महाकालेश्वर भगवान का प्रमुख मंदिर है। पुराणों, महाभारत और कालिदास जैसे महाकवियों की रचनाओं एवं गाथाओ में इस मंदिर का बहुत सुन्दर वर्णन मिलता है। इनके दर्शन मात्र से ही मोक्ष (स्वर्ग) की प्राप्ति हो जाती है।यहां उज्जैन महाकाल मंदिर का दर्शन करने के लिए पूरे साल भक्तों का आना जाना लगा रहता है। कार्तिक माह पूर्णिमा, वैशाख माह पूर्णिमा एवं दशहरे पर यहां विशेषतरह मेले का आयोजन होता हैं। भगवान शिव शंकर या Ujjain Mahakal Mandir के इस ज्योतिर्लिंग का रोजाना श्रृंगार भस्म और भांग से किया जाता है। उज्जैन की भस्मारती विश्व प्रसिद्ध है।
जाने Ujjain mahakal Mandir की स्थापना कैसे हुई
वेदो और पुराणों के अनुसार, अवंतिका अर्थात उज्जैन, भगवान शिव शंकर को बहुत प्रिय था। एक समय अवंतिका नगरी में एक ब्राह्मण रहता था। जिसके ४ पुत्र थे। दूषण नाम के राक्षस ने अवंतिका में हाहाकार मचा दिया। वह राक्षस उस नगर के सभी वासियों को परेशान एवं मरने लगा। उस राक्षस के आतंक से अवंतिका नगर को बचाने लिए उस ब्राह्मण ने भगवान शिव की आराधना (तपस्या) की। ब्राह्मण की पूजा से प्रस्सन होकर भगवान शिव शंकर धरती फाड़ कर महाकाल के रूप में यहां जाग्रत हुए और राक्षस का मारकर अवंतिका नगर की रक्षा की। नगर के सभी भक्तगण ने भगवान शिव शंकर से उसी जगह पर हमेशा रहने की प्रार्थना की। भक्तों के प्रार्थना करने पर भगवान शिव अवंतिका में ही महाकाल ज्योतिर्लिंग के रूप में वहीं स्थापित हो गए और वो महाकाल के रूप में कहलाने लगे।
Where Is Ujjain Mahakal Temple?
जिला उज्जैन से लगभग 45 km की दूरी पर इन्दौर का एयरपोर्ट बना हुआ है। वहां तक हवाई मार्ग से आकर या रेल यातायात या सड़क मार्ग से महाकाल मंदिर पहुंचा जा सकता है। देश के लगभग सभी बड़े शहरों से उज्जैन के लिए रेल गाड़ियां चलती हैं। उज्जैन पहुंचने के लिए सड़क मार्ग का भी प्रयोग किया जा सकता है। और महकाल दर्शन एवं पूजा कि प्राप्ति के लिए देश के चारो कोनो से भक्तगण आते है।
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