Mero Ghunghat Khol Gayo Kanhaiya Chhoto So Bhajan
मेरो घूँघट खोल गयो कन्हैया छोटो सो,
नैन छबीले जाके होठ रसीले,
ऐसे है मेरे श्याम रंगीले ,
रसिया रस गोल गयो कन्हैया छोटो सो,
मेरो घूँघट खोल गयो कन्हैया छोटो सो,
जब कान्हा मेरी और निहारे मन वा मेरो उछाले मारे,
मोटे मीठा बोल गयो कन्हैया छोटो सो,
मेरो घूँघट खोल गयो कन्हैया छोटो सो,
लूट गई मैं तो जा नटखट पे ,
बलिहारी जाके मोरमुकट पे,
मेरे गांव में डोल गयो , कन्हैया छोटो सो,
मेरो घूँघट खोल गयो कन्हैया छोटो सो,
जा दिन से तने देखु कान्हा भूल गई मैं तो बरसाने,
ये मिला अनमोल भयो कन्हैया छोटो सो,
मेरो घूँघट खोल गयो कन्हैया छोटो सो,