Ministry of Sex: रूस सरकार दे रही है सेक्स करने के लिए पैसे, जानिए क्या है पूरा मामला
रूस में नई पहल: क्या सच में लोग सेक्स के लिए पैसे कमा रहे हैं?
सेक्स के लिए पैसे क्यों दे रही है रूस सरकार?
रूस सरकार ने हाल ही में एक नई योजना शुरू की है जो सोशल मीडिया और अंतरराष्ट्रीय मीडिया में चर्चा का विषय बन गई है। दावा किया जा रहा है कि रूस सरकार अपने नागरिकों को “सेक्स” करने के लिए प्रोत्साहित कर रही है और इसके लिए आर्थिक सहायता भी दे रही है। लेकिन असल में इसके पीछे क्या वजह है?
रूस की जन्मदर समस्या:
रूस एक गंभीर समस्या से जूझ रहा है, और वह है घटती जन्म दर। रूस जैसे देश, जो आबादी बढ़ाने के लिए नई नीतियों की तलाश में हैं, अब ऐसे उपाय अपना रहे हैं जो सुनने में अजीबोगरीब लग सकते हैं। पश्चिमी देशों की तरह, रूस में भी युवा कपल्स कम बच्चे पैदा कर रहे हैं। इसके पीछे कई कारण हैं, जैसे कि महंगाई, बदलती जीवनशैली, और करियर पर फोकस। लेकिन रूस की सरकार अब एक क्रांतिकारी योजना बना रही है।
सेक्स मिनिस्ट्री की योजना:
हां, आपने सही सुना। रूस की सरकार एक “सेक्स मिनिस्ट्री” (Sex Ministry) बनाने पर विचार कर रही है। यह मंत्रालय कपल्स को बच्चा पैदा करने के लिए प्रोत्साहित करेगा और इसके लिए कई अनोखी योजनाएं पेश कर रहा है। इस मिनिस्ट्री का उद्देश्य है कि लोगों को अधिक बच्चे पैदा करने के लिए प्रेरित किया जाए, जिससे देश की घटती जनसंख्या में सुधार हो सके।
मंत्रालय के प्रस्ताव:
- इंटरनेट और बिजली कटौती: एक सुझाव है कि रात 10 बजे से लेकर सुबह 2 बजे तक घरों की लाइटें और इंटरनेट बंद कर दिए जाएं, ताकि कपल्स एक-दूसरे के साथ अधिक समय बिता सकें। यह उपाय सुनने में मजाकिया लग सकता है, लेकिन सरकार का मानना है कि डिजिटल डिस्ट्रैक्शन की वजह से कपल्स एक-दूसरे पर ध्यान नहीं दे पाते हैं।
- पहली डेट पर प्रोत्साहन: रूस की सरकार पहली डेट पर कपल्स को 5,000 रूबल (लगभग 4,500 भारतीय रुपये) देने की योजना बना रही है। इसका उद्देश्य है कि कपल्स एक अच्छे माहौल में समय बिताएं और अपने रिश्ते को मजबूत करें।
- शादी की रात का खर्च: शादी की रात को यादगार बनाने के लिए, सरकार होटल में ठहरने का खर्च भी उठा रही है। सरकार कपल्स को 26,300 रूबल (लगभग 23,500 भारतीय रुपये) दे रही है, ताकि वे एक अच्छी जगह ठहर सकें और अपनी शादीशुदा ज़िंदगी की शुरुआत अच्छे तरीके से कर सकें।
भारतीय संदर्भ में सोचें:
अब ज़रा सोचिए, अगर ऐसी योजना भारत में लागू होती तो क्या होता?
- लोग खुशी से शादी करते: अगर सरकार शादी के बाद होटल में ठहरने का खर्च उठाती, तो कई युवा शादी के लिए प्रोत्साहित होते। आजकल शादी का खर्च उठाना भी एक बड़ी चुनौती बन चुका है, और अगर इसमें सरकार की मदद हो, तो बहुत से लोग जल्दी शादी करने का निर्णय ले सकते हैं।
- बिजली और इंटरनेट कटौती: भारत में अगर रात को इंटरनेट बंद कर दिया जाए, तो शायद लोग परेशान हो जाएं। लेकिन अगर इसे परिवार और रिश्तों को सुधारने के नजरिए से देखा जाए, तो यह एक अच्छा कदम हो सकता है। कपल्स के पास एक-दूसरे के साथ समय बिताने का मौका मिलेगा, और यह रिश्तों में नयापन ला सकता है।
- पहली डेट पर प्रोत्साहन: भारत में डेटिंग का कल्चर बढ़ रहा है, लेकिन अभी भी छोटे शहरों में इसे खुलकर नहीं अपनाया गया है। अगर सरकार पहली डेट पर खर्च देने लगे, तो शायद यह युवाओं को अपने रिश्तों को मजबूत करने का मौका देगा और समाज में खुलापन भी बढ़ेगा।
रूस की घटती जन्म दर की समस्या:
रूस की जन्म दर में लगातार गिरावट आ रही है। 1991 में सोवियत संघ के टूटने के बाद से देश की जनसंख्या में भारी गिरावट देखी गई है। इसकी वजह है आर्थिक संकट, समाज में बढ़ता तनाव, और नई पीढ़ी का जीवन के प्रति बदलता दृष्टिकोण।
रूस की सरकार ने जनसंख्या वृद्धि के लिए पहले भी कई प्रयास किए हैं, जैसे कि बच्चों के लिए वित्तीय प्रोत्साहन, मातृत्व अवकाश में वृद्धि, और परिवारों के लिए कर में छूट। लेकिन इन प्रयासों के बावजूद, युवा कपल्स अधिक बच्चे पैदा करने के लिए तैयार नहीं हैं।
सरकार की नई नीतियां:
रूस में अलग-अलग क्षेत्रों में अलग-अलग योजनाएं चलाई जा रही हैं, जैसे:
- खाबरोवस्क की योजना: खाबरोवस्क में 18 से 23 वर्ष की छात्राएं अगर बच्चे पैदा करती हैं, तो उन्हें लगभग £900 (लगभग 90,000 भारतीय रुपये) का प्रोत्साहन दिया जाता है। यह योजना छात्रों को बच्चे पैदा करने के लिए प्रोत्साहित करती है, जिससे देश की जन्म दर में सुधार हो सके।
- चेल्याबिंस्क की योजना: चेल्याबिंस्क में पहले बच्चे के जन्म पर कपल्स को £8,500 (लगभग 8 लाख भारतीय रुपये) का इनाम दिया जा रहा है। इस प्रकार की योजनाएं कपल्स को परिवार बढ़ाने के लिए प्रेरित कर सकती हैं।
भारत के लिए क्या सीखा जा सकता है?
भारत में भी जनसंख्या एक मुद्दा है, लेकिन हमारे यहां समस्या अलग है। यहां पर जन्म दर में कमी नहीं, बल्कि जनसंख्या नियंत्रण की चुनौती है। हालांकि, भारत में भी युवा कपल्स कम बच्चे पैदा करने का निर्णय ले रहे हैं, खासकर शहरी क्षेत्रों में। इसके पीछे कारण हैं:
- बढ़ती महंगाई
- करियर और शिक्षा पर फोकस
- जीवनशैली में बदलाव
अगर भारत में भी सरकार कुछ प्रोत्साहन दे, तो शायद युवा कपल्स परिवार बढ़ाने के बारे में सोच सकते हैं। सरकार यहां भी नीतियों में बदलाव कर सकती है, जैसे:
- माता-पिता को कर में छूट देना
- मातृत्व और पितृत्व अवकाश में वृद्धि
- बच्चों के लिए शिक्षा और स्वास्थ्य सेवाओं में सब्सिडी
क्या भारत में ऐसा संभव है?
हालांकि रूस की योजना सुनने में मजेदार और अजीब लगती है, लेकिन यह कहना मुश्किल है कि भारत में ऐसी नीतियां सफल होंगी या नहीं। भारतीय समाज में बच्चे पैदा करने के फैसले पर परिवार का बहुत बड़ा प्रभाव होता है। यहां पर शादी और बच्चे पैदा करना एक व्यक्तिगत निर्णय से अधिक, परिवार और समाज से जुड़ा हुआ होता है।
लेकिन अगर सरकार युवाओं की चिंताओं को समझकर नई नीतियां बनाती है, तो शायद इससे सकारात्मक बदलाव आ सकता है।
निष्कर्ष:
रूस की सरकार का यह नया कदम एक साहसिक और क्रांतिकारी कदम है। यह देखना दिलचस्प होगा कि इस योजना का परिणाम क्या होता है। अगर यह सफल रहती है, तो यह अन्य देशों के लिए भी एक प्रेरणा बन सकती है।
भारत में भी, अगर सरकार युवा कपल्स की समस्याओं को समझकर नई नीतियां बनाती है, तो शायद यहां भी जनसंख्या वृद्धि में संतुलन आ सकता है। लेकिन इसे लागू करने के लिए एक व्यापक और सोच-समझकर बनाई गई रणनीति की जरूरत होगी।
आखिरकार, यह कहना सही होगा कि समाज और संस्कृति के अनुसार नीतियों में बदलाव आवश्यक होता है। रूस ने अपनी समस्या को देखते हुए एक अनोखा और मजेदार उपाय निकाला है। अब देखना यह है कि यह प्रयोग कितना सफल होता है, और क्या दुनिया के अन्य देश भी इसे अपनाएंगे।
आखिरी सवाल: क्या आप चाहते हैं कि भारत में भी ऐसा कुछ हो? सोचिए और अपनी राय दीजिए।