बवासीर एक आम समस्या है जो मलाशय और गुदा के आसपास की नसों में सूजन के कारण होती है। बवासीर दो प्रकार के होते हैं: आंतरिक बवासीर और बाहरी बवासीर। आंतरिक बवासीर मलाशय के अंदर होती हैं और आमतौर पर दर्दनाक नहीं होती हैं। बाहरी बवासीर गुदा के बाहर होती हैं और दर्द, खुजली और रक्तस्राव का कारण बन सकती हैं।
बवासीर के लक्षणों को कम करने और रोकने में मदद के लिए एक स्वस्थ आहार महत्वपूर्ण है। बवासीर में क्या खाना चाहिए और क्या नहीं, इस बारे में यहां कुछ सुझाव दिए गए हैं:
Bawasir (Piles) mein kya khana chahiye:
- फाइबर से भरपूर खाद्य पदार्थ: फाइबर मल को नरम करने में मदद करता है और कब्ज को रोकता है, जो बवासीर का एक प्रमुख कारण है। फाइबर से भरपूर खाद्य पदार्थों में शामिल हैं:
- साबुत अनाज, जैसे ब्राउन राइस, ओट्स, और जई
- फल, जैसे सेब, नाशपाती, और संतरे
- सब्जियां, जैसे गाजर, ब्रोकोली, और भिंडी, लौकी, तोरई, करेला, कददू, ब्रोकोली)
- दाल ( मूंग) फल (खीरा, गाजर, पपीता, केला, अंजीर, सेब, आलूबुखारा
- दलिया, खिचड़ी, देशी घी
- तरल पदार्थ: पर्याप्त तरल पदार्थ पीना भी कब्ज को रोकने में मदद कर सकता है। प्रति दिन कम से कम 8 गिलास पानी पीने का लक्ष्य रखें।
- छाछ: छाछ एक अच्छा प्रोबायोटिक है, जो पाचन स्वास्थ्य को बेहतर बनाने में मदद कर सकता है।
- हरी पत्तेदार सब्जियां: हरी पत्तेदार सब्जियां विटामिन, खनिज और फाइबर का एक अच्छा स्रोत हैं।
- फलियां: फलियां फाइबर और प्रोटीन का एक अच्छा स्रोत हैं।
Piles (Bawasir) me Kya Nahi Khana Chahiye:
- पके हुए खाद्य पदार्थ: पके हुए खाद्य पदार्थ मल को कठोर बना सकते हैं और कब्ज का कारण बन सकते हैं।
- रिफाइंड कार्बोहाइड्रेट: रिफाइंड कार्बोहाइड्रेट, जैसे सफेद ब्रेड, सफेद चावल, और चीनी, फाइबर में कम होते हैं और कब्ज का कारण बन सकते हैं।
- कैफीन: कैफीन द्रव को शरीर से निकालता है और कब्ज का कारण बन सकता है।
- शराब: शराब द्रव को शरीर से निकालता है और कब्ज का कारण बन सकता है।
- वसायुक्त और तैलीय खाद्य पदार्थ: वसायुक्त और तैलीय खाद्य पदार्थ मल को कठोर बना सकते हैं और कब्ज का कारण बन सकते हैं।
- चिकनाईदार मांस: चिकनाईदार मांस मल को कठोर बना सकता है और कब्ज का कारण बन सकता है।
- प्रोसेस्ड खाद्य पदार्थ: प्रोसेस्ड खाद्य पदार्थ अक्सर फाइबर में कम होते हैं और कब्ज का कारण बन सकते हैं
- ठोस आहार से बचें: ठोस आहार मल को कठोर बना सकता है और कब्ज का कारण बन सकता है।
बवासीर (पाइल्स) में सावधानियां:
- उच्च बैठकर ना बैठें: बड़ी देर तक एक ही जगह पर बैठकर रहने से पाइल्स बढ़ सकती हैं, इसलिए नियमित अंतरालों में उठें और चलें।
- बढ़ते बोझ से बचें: बैठकर या खड़े रहकर बढ़ते बोझ से बचें, और भारी बोझ उठाने से भी परहेज करें।
- सही स्थिति में बैठें और सोएं: सही स्थिति में बैठकर काम करना या सोना भी महत्वपूर्ण है। गुदा क्षेत्र को अधिक दबाव से बचाने के लिए सही स्थिति में रहना बहुत आवश्यक है।
- नियमित शौच जाएं: नियमित रूप से शौच जाना भी पाइल्स के मरीजों के लिए महत्वपूर्ण है। यह सुनिश्चित करता है कि मल सामग्री से शरीर बाहर निकलती रहती है और आपके गुदा क्षेत्र में दबाव कम होता है।
- व्यायाम: नियमित व्यायाम करना भी पाइल्स के मरीजों के लिए लाभकारी हो सकता है। यह मल की सामग्री को सही रूप से हरित करने में मदद कर सकता है और परहेज में सुधार कर सकता है।
- धीरे-धीरे खाना शुरू करें: पेट पर दबाव डालने से बचने के लिए, धीरे-धीरे खाना शुरू करें और छोटे-छोटे हिस्सों में खाएं।