यह कहानी है सुप्रिति सिंह की, जो गणित में MSc हैं। उनके पति के अचानक निधन के बाद, परिवार की पूरी जिम्मेदारी उनके कंधों पर आ गई। घर में सास-ससुर, एक बेटा और एक बेटी हैं, जिनकी देखभाल और जरूरतों को पूरा करने के लिए उन्होंने कड़ी मेहनत करने का फैसला किया। जीवन को फिर से संवारने और अपने बच्चों के बेहतर भविष्य के लिए उन्होंने फ्लिपकार्ट जॉइन किया। सुप्रिति जी दिन-रात मेहनत करती हैं। ऑनलाइन ऑर्डर की डिलीवरी करना आसान काम नहीं होता, लेकिन वह इसे पूरी लगन और मेहनत से करती हैं। चाहे तेज धूप हो, मूसलाधार बारिश हो या ठंडी सर्दी की रातें, वह हर हाल में लोगों के घर तक उनका सामान पहुंचाने का काम करती हैं। उनकी यही मेहनत उनके बच्चों के चेहरे पर मुस्कान बनाए रखती है। परिवार का पेट पालने और बच्चों की अच्छी शिक्षा का खर्च उठाने के लिए सुप्रिति जी ने किसी भी कठिनाई से हार नहीं मानी। उनके लिए ग्राहक केवल ग्राहक नहीं, बल्कि एक उम्मीद हैं, जिनकी संतुष्टि से उन्हें अपनी मेहनत का सच्चा इनाम मिलता है। उनका मानना है कि जब ग्राहक संतुष्ट होता है, तो यह उनकी सेवा का सम्मान होता है। कई बार लोग यह नहीं सोचते कि डिलीवरी पार्टनर कितनी मुश्किलों का सामना करके समय पर उनका सामान पहुंचाते हैं। ट्रैफिक की भीड़, लंबी दूरियों की थकान, मौसम की मार—इन सबके बावजूद सुप्रिति जी अपने काम में कोई लापरवाही नहीं करतीं। ग्राहक सेवा में उनका समर्पण यह दिखाता है कि वे केवल पैसे कमाने के लिए नहीं, बल्कि अपने परिवार के लिए एक मजबूत सहारा बनने के लिए काम कर रही हैं। आज के समय में जब महिलाएं हर क्षेत्र में आगे बढ़ रही हैं, सुप्रिति जी जैसी महिलाओं की कहानियां हमें सिखाती हैं कि कोई भी मुश्किल इतनी बड़ी नहीं होती जिसे मेहनत और हिम्मत से पार न किया जा सके। एक मां के रूप में, एक बहू के रूप में, और सबसे बढ़कर एक मेहनती महिला के रूप में, उन्होंने अपने संघर्ष को अपनी ताकत बना लिया। मीडिया में अक्सर बड़ी हस्तियों की कहानियां सुनाई जाती हैं, लेकिन असली नायिकाएं वे महिलाएं हैं जो आम जीवन में असाधारण संघर्ष कर रही हैं। ऐसी कहानियां समाज तक पहुंचना जरूरी है ताकि हर महिला को यह एहसास हो कि मेहनत और आत्मनिर्भरता से वह किसी भी परिस्थिति को बदल सकती है। सुप्रिति जी जैसी महिलाओं की कहानियां न केवल प्रेरणा देती हैं बल्कि यह भी दिखाती हैं कि सच्ची सफलता मेहनत और लगन से ही मिलती है। हमारी जिम्मेदारी बनती है कि हम ऐसे मेहनती लोगों का सम्मान करें। अगली बार जब कोई डिलीवरी पार्टनर आपके दरवाजे पर आए, तो एक मुस्कान और धन्यवाद के साथ उनका स्वागत करें। यह छोटा-सा सम्मान उनकी कड़ी मेहनत के लिए एक बड़ी प्रेरणा बन सकता है।
सुप्रिति जी की कहानी हमें यह सिखाती है कि जीवन में चाहे कितनी भी मुश्किलें क्यों न आएं, अगर हम मेहनत करें और अपने लक्ष्य पर डटे रहें, तो कोई भी समस्या हमें रोक नहीं सकती। उनके जीवन का हर पल संघर्ष से भरा है, लेकिन उन्होंने कभी हार नहीं मानी। उनकी यही जिद और जुनून उन्हें एक मिसाल बनाती है। उनके बच्चे भी उनकी मेहनत को देखकर प्रेरित होते हैं और पढ़ाई में अच्छा करने की कोशिश करते हैं। सुप्रिति जी का मानना है कि अगर उनके बच्चे पढ़-लिखकर अच्छे इंसान बनेंगे, तो यही उनकी सबसे बड़ी कामयाबी होगी।
सुप्रिति जी की कहानी सिर्फ एक महिला की कहानी नहीं है, बल्कि यह उन लाखों महिलाओं की कहानी है जो अपने परिवार की जिम्मेदारी उठाते हुए हर दिन संघर्ष करती हैं। वे न केवल अपने घर की देखभाल करती हैं, बल्कि बाहर भी काम करके अपने परिवार का पेट पालती हैं। ऐसी महिलाओं को समाज में सम्मान मिलना चाहिए, क्योंकि उनकी मेहनत और लगन ही समाज को आगे बढ़ाने में मदद करती है।
सुप्रिति जी की कहानी से हमें यह भी सीख मिलती है कि जीवन में कभी भी किसी काम को छोटा नहीं समझना चाहिए। चाहे वह डिलीवरी का काम हो या कोई और, हर काम का अपना महत्व होता है। जब हम किसी काम को ईमानदारी और मेहनत से करते हैं, तो वह काम भी बड़ा बन जाता है। सुप्रिति जी ने यह साबित कर दिया कि अगर इंसान चाहे, तो वह किसी भी हालात में खुद को साबित कर सकता है।
आज के समय में जहां लोगों के पास समय की कमी है, वहीं सुप्रिति जी जैसे लोग हमें यह याद दिलाते हैं कि मेहनत और लगन से ही सफलता मिलती है। उनकी कहानी हमें यह भी सिखाती है कि जीवन में कभी भी हार नहीं माननी चाहिए। चाहे परिस्थितियां कितनी भी कठिन क्यों न हों, अगर हम मेहनत करें और अपने लक्ष्य पर डटे रहें, तो सफलता जरूर मिलती है।
सुप्रिति जी की कहानी हमें यह भी बताती है कि जीवन में सफलता पाने के लिए कड़ी मेहनत और संघर्ष करना पड़ता है। उन्होंने अपने जीवन में कई मुश्किलों का सामना किया, लेकिन उन्होंने कभी हार नहीं मानी। उनकी यही जिद और जुनून उन्हें एक मिसाल बनाती है। उनके बच्चे भी उनकी मेहनत को देखकर प्रेरित होते हैं और पढ़ाई में अच्छा करने की कोशिश करते हैं। सुप्रिति जी का मानना है कि अगर उनके बच्चे पढ़-लिखकर अच्छे इंसान बनेंगे, तो यही उनकी सबसे बड़ी कामयाबी होगी।
सुप्रिति जी की कहानी सिर्फ एक महिला की कहानी नहीं है, बल्कि यह उन लाखों महिलाओं की कहानी है जो अपने परिवार की जिम्मेदारी उठाते हुए हर दिन संघर्ष करती हैं। वे न केवल अपने घर की देखभाल करती हैं, बल्कि बाहर भी काम करके अपने परिवार का पेट पालती हैं। ऐसी महिलाओं को समाज में सम्मान मिलना चाहिए, क्योंकि उनकी मेहनत और लगन ही समाज को आगे बढ़ाने में मदद करती है।
सुप्रिति जी की कहानी से हमें यह भी सीख मिलती है कि जीवन में कभी भी किसी काम को छोटा नहीं समझना चाहिए। चाहे वह डिलीवरी का काम हो या कोई और, हर काम का अपना महत्व होता है। जब हम किसी काम को ईमानदारी और मेहनत से करते हैं, तो वह काम भी बड़ा बन जाता है। सुप्रिति जी ने यह साबित कर दिया कि अगर इंसान चाहे, तो वह किसी भी हालात में खुद को साबित कर सकता है।
आज के समय में जहां लोगों के पास समय की कमी है, वहीं सुप्रिति जी जैसे लोग हमें यह याद दिलाते हैं कि मेहनत और लगन से ही सफलता मिलती है। उनकी कहानी हमें यह भी सिखाती है कि जीवन में कभी भी हार नहीं माननी चाहिए। चाहे परिस्थितियां कितनी भी कठिन क्यों न हों, अगर हम मेहनत करें और अपने लक्ष्य पर डटे रहें, तो सफलता जरूर मिलती है।
सुप्रिति जी की कहानी हमें यह भी बताती है कि जीवन में सफलता पाने के लिए कड़ी मेहनत और संघर्ष करना पड़ता है। उन्होंने अपने जीवन में कई मुश्किलों का सामना किया, लेकिन उन्होंने कभी हार नहीं मानी। उनकी यही जिद और जुनून उन्हें एक मिसाल बनाती है। उनके बच्चे भी उनकी मेहनत को देखकर प्रेरित होते हैं और पढ़ाई में अच्छा करने की कोशिश करते हैं। सुप्रिति जी का मानना है कि अगर उनके बच्चे पढ़-लिखकर अच्छे इंसान बनेंगे, तो यही उनकी सबसे बड़ी कामयाबी होगी।
सुप्रिति जी की कहानी सिर्फ एक महिला की कहानी नहीं है, बल्कि यह उन लाखों महिलाओं की कहानी है जो अपने परिवार की जिम्मेदारी उठाते हुए हर दिन संघर्ष करती हैं। वे न केवल अपने घर की देखभाल करती हैं, बल्कि बाहर भी काम करके अपने परिवार का पेट पालती हैं। ऐसी महिलाओं को समाज में सम्मान मिलना चाहिए, क्योंकि उनकी मेहनत और लगन ही समाज को आगे बढ़ाने में मदद करती है।
सुप्रिति जी की कहानी से हमें यह भी सीख मिलती है कि जीवन में कभी भी किसी काम को छोटा नहीं समझना चाहिए। चाहे वह डिलीवरी का काम हो या कोई और, हर काम का अपना महत्व होता है। जब हम किसी काम को ईमानदारी और मेहनत से करते हैं, तो वह काम भी बड़ा बन जाता है। सुप्रिति जी ने यह साबित कर दिया कि अगर इंसान चाहे, तो वह किसी भी हालात में खुद को साबित कर सकता है।
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सुप्रिति जी की कहानी हमें यह भी बताती है कि जीवन में सफलता पाने के लिए कड़ी मेहनत और संघर्ष करना पड़ता है। उन्होंने अपने जीवन में कई मुश्किलों का सामना किया, लेकिन उन्होंने कभी हार नहीं मानी। उनकी यही जिद और जुनून उन्हें एक मिसाल बनाती है। उनके बच्चे भी उनकी मेहनत को देखकर प्रेरित होते हैं और पढ़ाई में अच्छा करने की कोशिश करते हैं। सुप्रिति जी का मानना है कि अगर उनके बच्चे पढ़-लिखकर अच्छे इंसान बनेंगे, तो यही उनकी सबसे बड़ी कामयाबी